Aavo Barish mein Bheege

Hindi Edition |  by Abu Sadiq (Author), Dr B S Tyagi (Translator)

बंगाल की धरती साहित्य के क्षेत्र में सदैव से ही उर्वर रही है। अनेक लब्ध प्रतिष्ठि साहित्कारों को जन्म दिया है इसने। भारत का साहित्यकाश इसके साहित्यकारों से आज भी दैदीप्यमान है। इसके लेखकों व कवियों ने समाज का समय समय पर मार्गदर्शन किया है। आज भी बंगाल में अच्छा साहित्य खूब लिखा व पढा जा रहा है। समकालीन साहित्यकारों में अबु सिदिक का नाम उल्लेखनीय है। वे साहित्य में अपनी एक विशेष पहचान बना चुके है। उनकी रचनाएँ देश और विदेश की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित हो रही हैं। उनकी कविताएँ आम आदमी से जुडी है इसलिए वे बहुआयामी हैं। उनकी कविताओं के दो संकलन -रॅग्इड टेरेन, और विसृपरिन्ग एकोज और एक कहानी संकलन -अॅ बॅःर्ड वाचर इस बात का प्रमाण है कि वे आम का दर्द पूरी तरह समझते हैं। उनकी दृष्टि पैनी है जिससे उनके चारों ओर होने वाली घटना नहीं बच पाती। वे उसे देखते हैं और उस पर अपनी सटीक प्रतिक्रिया देते हैं। वे एक सजग प्रहरी की भाँति समाज में खड़े रहकर अपनी भूमिका निभा रहे है। उनकी कविताओं को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-व्यक्तिगत और सामाजिक। व्यक्तिगत कविताओं में उनका निजी दुख, सुख, आशा व निराशा अभिव्यक्त हुयी है। वे हर बात को बडी ही गहराई से महसूस करते हैं। भावनाएँ सावन के बादलों की तरह घुमडती हैं और फिर उनके तन-मन को भिगो जाती हैं। उनका मन कोमल है। वे दूसरे का दुख नही सह पाते। खुद ही सहन करते जाते है।

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